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Friday, August 28, 2009

एक सौदा .....

चलो एक सौदा कर लेते हैं
तुम्हारी एक चुप के बदले
कुछ नमकीन पानी मेरी आंखों का
किसी कोने में डूबी एक सोच के बदले तुम्हारी
छलकता नेह मेरे मन का
होंठों पे तुम्हारे रुके वो ढाई आखर प्रेम के
बरसने को मचलते प्यार के मौसम मेरी उम्मीद के

अनजाने डर से सहमी हुई तुम्हारे दिल की बातें
खुल के हंसती हुई मेरे अरमानो की बयारें
गहरी सोयी हरकतें तुम्हारी
मचलती जागती धड़कने मेरी
एक पल तुम्हारा
एक पल मेरा
पर क्या कोई पल होगा हमारा ?
posted by Reetika at 8/28/2009 06:38:00 PM 10 comments

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