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Sunday, April 26, 2009

महज़ एक ख़याल .....

एक ख्याल कुछ इधर से उड़ता हुआ
एक पल का फाया ..........
बालों में उलझा ...........
कभी उँगलियों में अटका .....
तुम्हारा वजूद
हँसता ... खिलखिलाता....
घड़ी दो घड़ी साँस लेता
यादों की झिर्रियों से
क्या है यह
मन में फुदकता सा.....
एक पलाश दहकता सा.....
महज़ एक ख्याल ही तो नही
हकीकत के आईने में
उतरता सा .............
एक अबोला सावन
उमीदों के शोर के बीच
बरसता सा...........
posted by Reetika at 4/26/2009 10:17:00 PM 16 comments

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