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Monday, May 24, 2010

इंतज़ार है... तुम्हारा ...

सुबह के हर मंजर को आगोश में लेती मैं
सिर्फ तुम्हारे ख्याल की ऊँगली थाम
रात के आँगन में
तुम्हारे एहसास में नहाती मैं ....
इंतज़ार है ...
गुलमोहर से खिलते उस समां का
शहद से भीगी उन किरणों का
इंतज़ार है ...
चटक जाए हर कली  जिसमें
उस सेहर का
इंतज़ार है ...
लम्हा लम्हा भिगोती शबनम का
बेलौस बरसती बारिश का
इंतज़ार है ...
बेपरवाह उड़ते बालों को
संवारती उस इश्किया हवा का
फिर से जागती हूँ उस
मुक्कदस आरजूओं से सराबोर
मोहब्बत के मौसम में ...
इंतज़ार करती तुम्हारा ...
तुम, जो ले आओगे
ये सब कुछ
एक बार फिर से ...
भर दोगे ज़िंदगी में
मेरे, तेरे  से आगे
"हम्हारे" विसाल का सुरमई रंग
posted by Reetika at 5/24/2010 12:16:00 AM

15 Comments:

सुंदर रचना

May 24, 2010 12:49 AM  

सुंदर कविता पाठ !

घन्यवाद !

May 24, 2010 1:18 AM  

बहुत सुन्दर!!

May 24, 2010 1:20 AM  

सुंदर एहसास भरी प्रस्तुति..भावनाओं का अच्छा प्रवाह..बढ़िया गीत...शुभकामनाएँ

May 24, 2010 1:51 AM  

waah bahut khoob...

May 24, 2010 1:54 AM  

बहुत सुन्दर!!

May 24, 2010 2:22 AM  

bahut sundar bhav or shabdon se bunti hain aap kavita..achcha laga padhna,
mere blog par ijjat afjai ka bahut shukriya

May 25, 2010 5:51 AM  

Har shabd har bhav mahsoos kiya hua sa lagta hai. sach kahoon to aap ne apni kavita mein pran daal diye hain. kavita jeevit sii lagti hai. Badhai!!

May 25, 2010 3:27 PM  

bahut sundae alfaazzz

http://liberalflorence.blogspot.com/
http://sparkledaroma.blogspot.com/

May 26, 2010 6:00 PM  

चटक जाये हर कली जिसमे उस सहर का इंतज़ार है..वाह!! बहुत खूब लिखी हैं ये पंक्तियाँ.
अच्छी लगी ये रचना .

May 27, 2010 9:08 PM  

कविता तो सुंदर है जी पर ब्लाग का नाम बहुत कड़ी अंग्रज़ी में है.

May 30, 2010 9:58 PM  

रचना प्रशंसनीय ।

May 31, 2010 12:51 PM  

bahut khoobsoort
tumhe padhana hamesha acha lagata hai.

June 02, 2010 7:24 PM  

ritika
yaar pata nahi kya mushkil hai
tumhe comment likh likh ker ungliyan thak gai hain per tum tak. pata nahi kyon comment publish nahi ho pata hai.
ye bhi ek koshish hai.

June 02, 2010 7:30 PM  

बहुत खूबसूरत भाव हैं, बधाई।
--------
ब्लॉगवाणी माहौल खराब कर रहा है?

June 10, 2010 9:07 PM  

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