UnxploreDimensions...

Sunday, June 23, 2013

लगे हैं खोने .....

कुछ नए बहाने ...
कुछ नए अफसाने ...
कुछ नए उल्हाने ...
उलझनों के ये कैसे
ताने बाने…
सिरे उल्हास के
हैं छूटते जाते
उम्मीद की हथेलियों
में भरने लगते
अजनबी पसीने ...
ख्वोअबों के रंग अब
लगे हैं खोने ...
 
posted by Reetika at 6/23/2013 02:08:00 AM

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