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Tuesday, February 19, 2008

फिर से कोई...........

इक हँसी बन खिंच गया चेहरे पर कोई
फिर झलक दिखा कर गुम हो गया कोई
नशा है बातों का तुम्हारी या
होंटों के बल चलता मन पर मेरे कोई
गुदगुदा गया सपना या..................
धीमे से सहला गया दुबका अरमान कोई
ख्वाहिशों ने बहका दिया, या ..............
जुल्फों में उंगलियाँ फिरा गया कोई
posted by Reetika at 2/19/2008 12:14:00 AM 1 comments

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