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Wednesday, October 10, 2007

इन्तज़ार..

वक्त की झिर्रियों से रिश्ता इंतज़ार,
आंखों की सूनी पगडंडियों पर दौड़ता इंतज़ार...........
तड़प का, खलिश का,
एक उम्दा तर्जुमा यह इंतज़ार.......................
टूट कर मेरी उमीदों पर बरसता इंतज़ार,
फैलता जा रहा चाहतों की अमरबेल सा इंतज़ार....................
नमकीन कोरों से टपकता इंतज़ार,
सूखे लबों पर चटकती हँसी सा इंतज़ार............................
फिजूल के बहनों में फंसता इंतज़ार,
दिल के उल्हानों में ज़बरदस्ती आई समझ का इंतज़ार.....
बेरुखी से टूटा, अपने ही ख्यालों में खुश इंतज़ार,
सेहर की पहली नज़र से उड़ गई शबनम सा नम इंतज़ार......
चाँद पलों में सिमट गयी खुशी का इंतज़ार,
दरमियाँ हम्हारे एक चुप सा चीकता यह इंतज़ार..............
जिंदगी के रंगों में तुमको तलाशता इंतज़ार,
लम्हों में घुलते मेरे हर अरमान का इंतज़ार..............
posted by Reetika at 10/10/2007 05:29:00 PM

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