Sunday, November 15, 2009

जो इक छोर बाँधा अपने मन से

तुम्हारे संग रिश्ता बुनते बुनते ,
जो इक छोर बाँधा अपने मन से
वो जम के बैठ गया है ...........
भीतर फैलता था जो कभी किरणें ,
आज छाती से चिपटा एक कुन्दा हो गया है
हर एक साँस , सिर्फ़ आह
हर एक पल, सिर्फ़ एक चाह
वो काँधों पर तुम्हारे लबों की गर्मी ,
वो उँगलियों की जिस्म पर अठखेली
अपना अपना हिस्सा जोड़ कर ,
जो पूरे किए थे ज़िन्दगी के किस्से
आज वक्त के हाशिये पे
रह गए सिसकते ........

13 comments:

  1. तुम्हारे संग रिश्ता बुनते बुनते ,
    जो इक छोर बाँधा अपने मन से
    वो जम के बैठ गया है ...........
    भीतर फैलता था जो कभी किरणें ,
    आज छाती से चिपटा एक कुन्दा हो गया है
    हर एक साँस , सिर्फ़ आह
    हर एक पल, सिर्फ़ एक चाह
    वो काँधों पर तुम्हारे लबों की गर्मी ,
    वो उँगलियों की जिस्म पर अठखेली
    अपना अपना हिस्सा जोड़ कर ,
    जो पूरे किए थे ज़िन्दगी के किस्से
    आज वक्त के हाशिये पे
    रह गए सिसकते ......

    ek ek shabd jeevant hain.....

    poori kavita ne man moh liya....

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  2. Mehfooz aise hi aate rahiye !

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  3. बहुत बढ़िया लिखती है आप ..जो कविता ज़िन्दगी के करीब लिखी जाती है वह सीधे दिल पर असर करती है आपका लिखा भी ऐसा ही लगा .शुक्रिया

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  4. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति।
    पूनम

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  5. रीतिका जी,
    इधर कफ़ी दिनों से नेट पर नहीं आ रहा था। पर आपके ब्लोग पर सही वक्त पर आया न आता तो इतनी खूबसूरत,इमोशनल कवितायें(14,15 नवम्बर की)न पढ़ पाता।अच्छी लगी ये दोनों कवितायें--दिल को छूने वाली।
    हेमन्त कुमार

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  6. वो काँधों पर तुम्हारे लबों की गर्मी ,
    वो उँगलियों की जिस्म पर अठखेली
    अपना अपना हिस्सा जोड़ कर ,
    जो पूरे किए थे ज़िन्दगी के किस्से
    आज वक्त के हाशिये पे
    रह गए सिसकते .....


    हाशिये के कभी इस पर तो कभी उस पर
    वक़्त खींचता रहा लकीरें ...
    ज़िन्दगी थी की हमने
    सिलवटों में गुजार दी ......

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  7. "apna apna hissa jod kr
    jo poore kiya tthe zindgi ke qisse
    aaj waqt ke haashiye pe
    siskate reh gaye...."

    kavitaa meiN mn ki gehri
    anubhootiyoN ki baat keh kr
    rachnaa ko saarthak
    banaa diyaa hai aapne .
    abhivaadan svikaareiN .

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  8. @ Muflis

    Shukriya tareef ka !

    @ Ashq ..Thank you for the appreciation

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  9. @ Harkirat

    shabd nahi hai shukriya bayan karne ke liye........

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