कुछ अबोला, कुछ कहा
वक्त की छन्नी, यादों के मोती
एक पल में जुटता , अगले ही पल लुटता
उलझी सी उम्मीद , जेहन में सिमटी सी ............
बन जाती मेरे मन का नमक,
मिलने की मीठी सी कसक .........
पूरा चाँद ,
मिलन का आधा अरमान.........
पहेलियों की खिड़की पे ,
जवाबों की चिडिया फुदकती ......
एक प्रेम की पगी बोली तुम्हारी,
दिल की तितलियाँ रंग जाती ....
पूरा चाँद ,
ReplyDeleteमिलन का आधा अरमान.........
-सुन्दर बिम्ब!! कोमल रचना!!
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Shukriya Sameer Saheb!
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