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Wednesday, January 21, 2009

किस्मत के कुहासे में ....

गुच्छे बातों के समेटे
सिलसिले साँसों के लपेटे
लम्हा लम्हा जले
तमन्ना बन जो उमीदों सा पले

अधरों में सिले
सिसकते लफ्ज़ अनकहे
तुम में कुछ, और हम में कुछ
बातों ही बातों में
जुट गया सभी कुछ

लरजती उँगलियों को पकड़े
उन्ही सपनो की गलियों में
वक्त फ़िर मिल गया डोलते
किस्मत के कुहासे में
ढूँढती जाने क्या अभी भी
अपना दिल संभाले ................
posted by Reetika at 1/21/2009 06:47:00 PM 8 comments

Friday, January 16, 2009

मन के भंवर उत्थ्ले ............

सवालों के दरवाज़े खुले ,
जवाबों के आसमान सूने,
यादों के खिंचते धागे ,
इन सभी में उलझी मैं............
तक रही हूँ कबसे
तुम्हे लपेटे ..............
जोड़े घटाए ...............
सभी लेन देन ...........
वो पल बेतुके ..................
मन के भंवर उत्थ्ले .........
हसरतों के मौसम पिघले ,
उमीदों के सावन रहे बरसते ..............
लो फ़िर इक
हँसी के साए में तुम्हारे
बह चले सारे शिकवे .................
posted by Reetika at 1/16/2009 01:29:00 AM 11 comments

Wednesday, January 07, 2009

पनाह मेरी............

बातें तमाम
मुझी में गुँथ गयी
एक नज़र तुम्हारी
कहीं धीरे से घर कर गयी
कवायद यह की
ज़िन्दगी क्या चाहे हमसे
और हम क्या चाहे ज़िन्दगी से
हसरतों के लब तो जैसे
तुमने सी ही दिए
तुम्हे पाऊं या .............
छोड़ दूँ हमेशा के लिये
आवारा सा ...... मन की गलियों में
ज़रा सी जगह बचा रखी थी मैंने
अपने लिये .... पर ...........
तस्सवुर के उस कोने को भी
आबाद कर तुमने
छीन ली यह रिसती पनाह मेरी .....
posted by Reetika at 1/07/2009 03:24:00 PM 10 comments

Sunday, January 04, 2009

नजरिया अपना अपना....

पीले से आसमान का
बुझा हुआ चाँद....
या नीले सी तश्तरी में
चम् चमाता अक्स किसी का
नजरिया है अपना अपना
उस बात का ,
या इस बात का ..........
असर हो किस बात का
यह फ़ैसला है अपना अपना
posted by Reetika at 1/04/2009 11:57:00 PM 11 comments

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